Raksha Khadse: An inspiring journey from village head to Union Minister

 Raksha Khadse: An inspiring journey from village head to Union Minister: Raksha Khadse: सरपंच से केंद्रीय मंत्री तक का प्रेरणादायक सफर

Raksha Khadse: An inspiring journey from village head to Union Minister

Raksha Khadse: An inspiring journey from village head to Union Minister: महाराष्ट्र के रावेर निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार की सांसद रक्षा खडसे ने अपने राजनीतिक जीवन में उल्लेखनीय प्रगति की है। उनकी यात्रा एक सरपंच के पद से शुरू होकर केंद्रीय मंत्री के पद तक पहुंची है, जो उनकी प्रतिबद्धता और मेहनत का प्रमाण है।

प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक सफर

Raksha Khadse: An inspiring journey from village head to Union Minister: रक्षा खडसे का जन्म 13 मई 1987 को मध्य प्रदेश के खेतिया में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2010 में कोथली गांव की सरपंच के रूप में की। इसके बाद, 2012 से 2014 तक, वे जलगांव जिला परिषद की सदस्य रहीं और स्वास्थ्य, शिक्षा एवं खेल समिति की अध्यक्षता 

सांसद के रूप में उपलब्धियां

Raksha Khadse: An inspiring journey from village head to Union Minister: 2014 में, रक्षा खडसे ने रावेर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मनीष जैन को 318,608 वोटों के अंतर से हराया। 26 वर्ष की आयु में, वे 16वीं लोकसभा की सबसे युवा सांसदों में से एक थीं। 2019 में, उन्होंने कांग्रेस के उल्हास पाटिल को 335,882 वोटों से हराकर अपनी सीट बरकरार रखी। 2024 के लोकसभा चुनाव में, उन्होंने एनसीपी (शरद पवार गुट) के उम्मीदवार श्रीराम पाटिल को 272,183 वोटों के अंतर से पराजित किया। 

केंद्रीय मंत्री के रूप में नियुक्ति

Raksha Khadse: An inspiring journey from village head to Union Minister: लगातार तीन बार सांसद चुने जाने और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए, रक्षा खडसे को 9 जून 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। उन्होंने केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली।

Raksha Khadse: An inspiring journey from village head to Union Minister


व्यक्तिगत जीवन और चुनौतियाँ

Raksha Khadse: An inspiring journey from village head to Union Minister: रक्षा खडसे की शादी एकनाथ खडसे के पुत्र निखिल खडसे से हुई थी, जिन्होंने 2013 में आत्महत्या कर ली। इस व्यक्तिगत त्रासदी के बावजूद, रक्षा ने अपने दो छोटे बच्चों के साथ राजनीतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाना जारी रखा। उनकी तस्वीरें, जिनमें वे अपने बच्चों के साथ हैं, सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा की गईं, जो उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन बनाने की क्षमता को दर्शाती हैं। 

समाज सेवा और प्राथमिकताएँ

Raksha Khadse: An inspiring journey from village head to Union Minister: रक्षा खडसे महिलाओं के सशक्तिकरण, बाल शिक्षा और किसानों के कल्याण के प्रति समर्पित हैं। उन्होंने जलगांव क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करने और सड़क संपर्क में सुधार के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं, जो बुनियादी ढांचे और शिक्षा के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने रावेर में एक सिंचाई परियोजना के लिए आंशिक वित्तपोषण भी सुनिश्चित किया है। 

नवीनतम उपलब्धि

Raksha Khadse: An inspiring journey from village head to Union Minister: हाल ही में, रक्षा खडसे ने विश्व कप विजेता खो-खो टीमों से मुलाकात की और उनकी ऐतिहासिक जीत पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने खिलाड़ियों की उपलब्धियों की सराहना की और खेल के प्रचार-प्रसार के लिए समर्थन व्यक्त किया। 

रक्षा खडसे की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे समर्पण, मेहनत और समाज सेवा के प्रति प्रतिबद्धता से व्यक्ति उच्चतम शिखरों को छू सकता है।

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